You are currently viewing Victory Day  : 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
Victory Day भारत की सेना के पराक्रम ने 16 दिसम्बर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान को स्वतन्त्र बांग्लादेश बनाने में अहम भूमिका निभाई जिसे भारतीय विजय दिवस (Victory Day) के रूप में मनाते है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

🚩प्रहार दिवस-विजय दिवस 16.12.18

RSS द्वारा प्रतिवर्षानुसार मनाए जाने वाला प्रहार महायज्ञ का आयोजन देश भर की संघ की शाखाओं पर किया जाता है ।

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इसमें प्रत्येक स्वयंसेवक हजारों की संख्या में प्रहार लगाकर 16 दिसंबर 1971 के भारतीय सेना के पराक्रम को याद किया। सुबह स्थानीय ग्राउंड में स्वयंसेवक एकत्रित होते है और संघ की शाखा लगने के बाद प्रहार महायज्ञ में हिस्सा लेते है, प्रहार लगाने में कई स्वयंसेवक नए कीर्तिमान बनाते है जिसमें कोई 4 हजार तो कोई ने 8 हजार के आंकड़े को भी पार करते है पूरे भारत मे लगभग 1 करोड़ से अधिक प्रहार लगे जते है

 

Victory Day

16 दिसंबर 1971 में भारतीय सेना के पाराक्रम के सामने पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। भारतीय सेना के इस पराक्रम को याद करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विगत कई वर्षो से इस दिन को प्रहार दिवस के रूप में मनाता आ रहा है। इस दिन संघ की सभी शाखाओं पर प्रहार महायज्ञ का आयोजन कर सभी स्वयंसेवक दंड से प्रहार लगाकर अपनी आहूति इस महायज्ञ में डालते हैं।

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🚩 भारत माता की जय

Vijay Diwas 16 December in Hindi

पूर्वी पाकिस्तान के बांग्ला भाषी लोगो ने पश्चिमी पाकिस्तान की सेना के अत्यचार से मुक्त होने के लिए संग्राम कर दिया | भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ 3 दिसम्बर 1971 को युद्ध का आगाज कर दिया भारत ओर पाकिस्तान के बीच यह लड़ाई 2 हफ़्तों तक चली ओर पूर्वी पाकिस्तान ने पराजय को स्वीकार किया ओर पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और आत्मसमर्पण के समझौते पर हस्ताक्षर के साथ इस युद्ध की समाप्ति हुई |

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